Hindikavita
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‘दोनों ने सोचा था’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poems
दोनों ने सोचा था, ये कहेंगे, वो कहेंगे, कानों को क्या मालूम था, मिलने पर वे चुप रहेंगे….. Continue reading
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‘आवाजाही’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poems
आवाजाही, साँसों की निरंतर चलती रहे, बस इसलिये कदमों की, बंद करनी पड़ी।आवाजाही, धड़कनों की नियमित रहे, बस इसलिये उद्योगों की, प्रबंधित करनी पड़ी।कुछ सोच रहे, कुछ, लोगों के लिये ही, क्यों ?हमें रफ्तार विकास की, मंद करनी पड़ी।स्वयं को रखकर, उनकी जगह, सोचेंगे तो, इतना कांप उठेंगे, कि रस्सियाँ भी स्वरूप बदल डराएंगी, और,… Continue reading
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‘जीवन का हुलिया’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poems
दोस्तों, मुझे आपके अच्छे-बुरे-सुडौल-बेडौल-आसान-गूढ़, सभी प्रकार के कमेंट का इंतजार रहेगा। ‘मैंने हुलिया कहा था जीवन का मित्र! यह तुम क्या बना लाये हो लगता है किसी कागज पर केवल सादा-सा प्रकाश उतार लाये हो’, लाल-नीला-हरा-पीला, सब ही अनुपस्थित कोई न मिला तो श्वेत कर लाये हो, “श्वेत ही स्रोत है सब रंगों का, बाकी… Continue reading