मनुष्य
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‘क्या-क्या नहीं सृष्टा ने उसको दिया’- हिंदी कविता- PAMIT Hindi Poems
समय की चाल तय है, वह ग्रस लेगा उसे, अनिश्चित है कब, कहाँ, यह व्याल डस लेगा उसे। बाजार की भीड़ में वह खुद दांव पर है, नहीं पता उसे, वह समूचा मामूली भाव पर है। Continue reading
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‘जब शैतान साधू होना चाहता है…’- लेख/निबंध/विचार
अज्ञेय जी का उपन्यास ‘नदी के द्वीप’ पढ़ते समय पुस्तक के अंतिम भागों में उन्होंने Francois Rabel की कुछ पंक्तियों का उल्लेख किया था जो निम्न हैं- The devil was sick, the devil a monk would be;The devil was well, the devil a monk was he. -Francois Rabel यानि जब शैतान बीमार हुआ, तब उसने… Continue reading
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‘वादों से, विवादों से नहीं मिलता!’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poems
वादों से, विवादों से नहीं मिलता, वो कमजोर इरादों से नहीं मिलता, वो मिलता है फकीरों को पैरों में जिनके ताज होते हैं, मन के सिकंदरों को मिलता है वो, महल के शहजादों को नहीं मिलता, झुकने वाले प्यादों की तो क्या बिसात, बड़े-बड़े नवाबजादों को नहीं मिलता । तलाशने उसे निकले हो? ख्याल रखना,… Continue reading