जीवन की खोज
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‘क्या-क्या नहीं सृष्टा ने उसको दिया’- हिंदी कविता- PAMIT Hindi Poems
समय की चाल तय है, वह ग्रस लेगा उसे, अनिश्चित है कब, कहाँ, यह व्याल डस लेगा उसे। बाजार की भीड़ में वह खुद दांव पर है, नहीं पता उसे, वह समूचा मामूली भाव पर है। Continue reading
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‘वादों से, विवादों से नहीं मिलता!’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poems
वादों से, विवादों से नहीं मिलता, वो कमजोर इरादों से नहीं मिलता, वो मिलता है फकीरों को पैरों में जिनके ताज होते हैं, मन के सिकंदरों को मिलता है वो, महल के शहजादों को नहीं मिलता, झुकने वाले प्यादों की तो क्या बिसात, बड़े-बड़े नवाबजादों को नहीं मिलता । तलाशने उसे निकले हो? ख्याल रखना,… Continue reading