‘शादी’- हिंदी हास्य-व्यंग्य कविता- PAMIT Hindi Poems

shayad koi vyakti shadi

जो नहीं थीं पहले कभी,
जिनका उदय नहीं हुआ था,
उन्हीं समस्याओं के हल ढूँढ़ने को,
शायद कोई व्यक्ति शादी किया करता है।

वह न खाये जो खाना चाहता है,
वहाँ न जाए जहाँ जाना चाहता है,
कुछ ऐसी ही सुविधाएँ जो पाना चाहता है,
उन्हीं सब के विशेष पैकेज हेतु,
शायद कोई व्यक्ति शादी किया करता है।

प्यार वाले दिनों वाला प्यार पाने के लिये,
रूठे को मनाने के लिये या रूठ जाने के लिये,
हँसती हुई दुनिया को और हँसाने के लिये,
शायद कोई व्यक्ति शादी किया करता है।

-PAMIT Hindi

नवीनतम पोस्टस

सुझायी गयी कविताएं-

‘वह पृष्ठ कोरा ही क्यों?’- हिंदी कविता- PAMIT HINDI POEMS
‘मुझे काम करना है’- हिंदी प्रेम कविता- PAMIT Hindi Poems
‘थोडे फासले पे होकर’- हिंदी गजल- PAMIT HINDI POEMS
‘अंधेरी कोठरियों से बात’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poetry
‘गर सही जगह नहीं लगाई जाएंगी’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poetry



“‘शादी’- हिंदी हास्य-व्यंग्य कविता- PAMIT Hindi Poems” के लिए प्रतिक्रिया 6

    1. Thank you Kanika for this lovely comment.👍 You too stay safe and get success.😊🙏

      पसंद करें

टिप्पणी करे

Design a site like this with WordPress.com
प्रारंभ करें