जो नहीं थीं पहले कभी,
जिनका उदय नहीं हुआ था,
उन्हीं समस्याओं के हल ढूँढ़ने को,
शायद कोई व्यक्ति शादी किया करता है।
वह न खाये जो खाना चाहता है,
वहाँ न जाए जहाँ जाना चाहता है,
कुछ ऐसी ही सुविधाएँ जो पाना चाहता है,
उन्हीं सब के विशेष पैकेज हेतु,
शायद कोई व्यक्ति शादी किया करता है।
प्यार वाले दिनों वाला प्यार पाने के लिये,
रूठे को मनाने के लिये या रूठ जाने के लिये,
हँसती हुई दुनिया को और हँसाने के लिये,
शायद कोई व्यक्ति शादी किया करता है।
-PAMIT Hindi
नवीनतम पोस्टस
- ‘लौटकर आना साथी’- हिंदी कविता- PAMIT Hindi Poems
- ‘क्या-क्या नहीं सृष्टा ने उसको दिया’- हिंदी कविता- PAMIT Hindi Poems
- ‘मेरे हाथ टूट गए हैं…’- PAMIT Hindi Poems
- शरद पूर्णिमा- शरद चांदनी बरसी अँजुरी भर कर पी लो
- सिंकदर अमरता की तलाश में- एक बोध कथा
सुझायी गयी कविताएं-
‘वह पृष्ठ कोरा ही क्यों?’- हिंदी कविता- PAMIT HINDI POEMS
‘मुझे काम करना है’- हिंदी प्रेम कविता- PAMIT Hindi Poems
‘थोडे फासले पे होकर’- हिंदी गजल- PAMIT HINDI POEMS
‘अंधेरी कोठरियों से बात’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poetry
‘गर सही जगह नहीं लगाई जाएंगी’- हिंदी कविता- PAmit Hindi Poetry
टिप्पणी करे