Kumar Vishwas
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‘इतनी रंग बिरंगी दुनिया’- हिंदी कविता- ‘डॉ कुमार विश्वास’
ऐसे उजले लोग मिले जो, अन्दर से बेहद काले थे। ऐसे चतुर लोग मिले जो, मन से भोले भाले थे… Continue reading
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मैं भाव सूची- poem by KUMAR Vishwas
मैं भाव सूची उन भावों की जो बिक़े सदा ही बिन तोले,तन्हाई हूँ हर उस ख़त की,जो पढ़ा गया है बिन खोले।हर आंसू को हर पत्थर तक पहुँचाने की लाचार हूक,मैं सहज अर्थ उन शब्दों का,जो सुने गए हैं बिन बोले,जो कभी नहीं बरसा खुल कर,हर उस बादल का पानी हूँ। लव-कुश की पीर बिना… Continue reading