Kumar vishwas poetry
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‘इतनी रंग बिरंगी दुनिया’- हिंदी कविता- ‘डॉ कुमार विश्वास’
ऐसे उजले लोग मिले जो, अन्दर से बेहद काले थे। ऐसे चतुर लोग मिले जो, मन से भोले भाले थे… Continue reading
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ऐसे उजले लोग मिले जो, अन्दर से बेहद काले थे। ऐसे चतुर लोग मिले जो, मन से भोले भाले थे… Continue reading