अक्षर
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मैं श्रद्धा से हिंदी के चरण छूता हूँ- हिंदी कविता- PAMIT Hindi Poems
मैं श्रद्धा से हिंदी के चरण छूता हूँ मैं उत्साह से उसके शब्दों से खेलता हूँ, मैं ध्यान से उसके अक्षर-अक्षर बोलता हूँ, मस्तक पर उसके मैं मुकुट धरता हूँ… Continue reading